बेटी को दफनाने गए शख्स को श्मशान में मिली खुशी की नई वजह, कब्र खोंदते वक्त घड़े में मिली दूसरी नवजात बच्ची


बेटी को दफनाने गए शख्स को श्मशान में मिली खुशी की नई वजह, कब्र खोंदते वक्त घड़े में मिली दूसरी नवजात बच्ची


ये हैरान कर देने वाला वाकया उत्तर प्रदेश के बरेली में हुआ. एक तरफ बेटी का ना बचा पाने के गम ने जिस पिता को पूरी तरह तोड़ दिया था वहीं श्मशान में मिली नवजात बच्ची ने फिर से उसे उसकी खुशियां लौटा दीं।



बरेली। वैसे तो चमत्कार जैसी बातें किस्से कहानियों में होती है पर उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में ये वाकई में हुआ है. तमाम जद्दोजहद के बाद भी अपनी बच्ची को ना बचा पाने का गम लिए एक शख्स अपनी बच्ची को गोद में लेकर श्मशान की तरफ बढ़ रहा था. श्मशान पहुंचते ही मजदूर वहां कब्र के लिए गड्ढा खोदने लगे कि तभी एक मजदूर का फावड़ा वहां मिट्टी में तीन फीट नीचे गड़े घड़े से टकरा गया. जब घड़े को बाहर निकाला गया तो उसमें एक जिंदगी सांस ले रही थी। सब हैरानी भरे अंदाज से घड़े की तरफ देखा तो पता चला कि उसमें एक नवजात बच्ची है. अब इसे भगवान का चमत्कार कहें या फिर उस पिता की किस्मत कि जिसके हिस्से अभी बेटी का बचपन और उसे बड़ा होते देखना बाकी था. पूरी तरफ बात समझने के बाद उस शख्स ने बिना देर किए वहां की सारी प्रक्रिया पूरी की और उस बच्ची को अपने साथ घऱ ले आया। पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिनंदन सिंह ने रविवार को बताया कि बरेली शहर के सीबीगंज स्थित वेस्टर्न कॉलोनी के निवासी हितेश कुमार सिरोही के घर गुरुवार को एक बच्ची ने जन्म लिया, जिसकी कुछ देर बाद ही मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि हितेश शाम को ही बच्ची को दफनाने के लिए श्मशान पहुंचे और गड्ढा खुदवाया. करीब तीन फुट गड्ढा खोदने पर मजदूर का फावड़ा एक घड़े से टकराय.। घड़े को जब बाहर निकाला गया तो उसके अंदर एक नवजात बच्ची थी. वह जिंदा थी और उसकी सांसें काफी तेज चल रही थीं। सिंह ने बताया कि हितेश ने उस बच्ची को अपना लिया है. फिलहाल उसका बरेली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीत शुक्ला ने बताया कि बच्ची की हालत में सुधार है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र पांडे ने कहा कि बच्ची को जिंदा किसने दफनाया, इसकी जांच की जा रही है।