झिंझाना में उर्स के मेले में बीती रात का मुकाबला कव्वाली बनी गदर , कुछ युवकों पर पुलिस को कई बार लाठियां फटकारनी पड़ी मुकाबला कव्वाली कार्यक्रम मे शेर ओ शायरी पर युवाओं ने जमकर हुटिंग की ।


झिंझाना में उर्स के मेले में बीती रात का मुकाबला कव्वाली बनी गदर , कुछ युवकों पर पुलिस को कई बार लाठियां फटकारनी पड़ी


मुकाबला कव्वाली कार्यक्रम मे शेर ओ शायरी पर युवाओं ने जमकर हुटिंग की ।




झिंझाना से अफजाल के साथ सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट 


जहर बहुत भरा है मेरे होठों में .. करीब आया तो नागिन की तरहा डस लूंगी


 शेर-ओ-शायरी भारी पडी कव्वालियों पर बार - बार खडे होकर नाचने वाले युवाओं पर कई बार चला पुलिस का डंडा , व्यवस्था बनाना पुलिस को पडा भारी। झिंझाना 3 अक्टूबर । मेला उर्स मे पूर्व नियोजित मुकाबला कव्वाली कार्यक्रम मे शेर ओ शायरी पर युवाओं ने जमकर हुटिंग की । इस व्यवस्था को बनाने में पीएसी व पुलिस को कई बार डंडा चलाना पड़ा ।



क्योंकि इस मुकाबला कव्वाली में मेरठ के आसिफ मलिक तथा दिल्ली की मोहतरमा जीनत परवीन के बीच मुकाबला समपन्न हुआ । जो दोनो फनकारों द्वारा अल्लाह की इबादत के साथ शुरू हुआ ।‌ और शोरगुल के बीच देर रात करीब दो बजे समाप्त हुआ । इस बीच मुकाबला कव्वालियों पर कम आशिकी पर ज्यादा हुआ। कस्बे में औलिया हज़रत सैयद इमाम महमूद नसीरुद्दीन सब्जवारी शहीद रहमतुल्लाह अलैह के 853 वे उर्स मुबारक पर पिछले करीब 10 दिन से मेला चल रहा है । बीती रात मेले के दुकानदारों द्वारा मुकाबला कव्वाली का आयोजन रखा गया था। जिसमें मेरठ के मशहूर कव्वाल आसिफ मलिक तथा दिल्ली की मोहतरमा जीनत परवीन के बीच मुकाबला हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत आसिफ मलिक के नाते पाक से हुई।



जो दुनिया में नहीं मिलता , वह मिलता है मदीने में, सामने प्रतिद्वंदी के रूप में बैठी फनकारा जीनत परवीन ने भी ख्वाजा अजमेर की शान में कुछ यूं कहा, बिगड़ी हुई तकदीर को बना देते हैं ख्वाजा । बिछड़े हुए को भी मिला देते हैं ख्वाजा ।। हिजड़ों को भी औलाद दे देते हैं ख्वाजा ।।
अपने चार मिस्रो से आसिफ मलिक ने अपने तारो को इस तरह छेड़ा, सारे तालाब में मेहंदी की महक आज भी है । वह साथ छोड़ गया बेवफा ना कहो ।।  इसके जवाब में जीनत परवीन ने कुछ आशिकाना अंदाज में यूं कहा.. तुम मेरे प्यार की दौलत को तरस जाओगे । मुझसे बिछड़े तो मोहब्बत को तरस जाओगे ।। आसिफ मलिक ने माता - पिता के मान सम्मान को बरकरार रखने हेतू अपने जोशीले अंदाज मे कव्वाली मे औलाद को भी नसीहत देते हुए कहा कि .... लोग औलादों से रखते हैं क्या क्या उम्मीदें ।
मां का दिल तोड़ा तो जन्नत को तरस जाओगे ।। तुम मेरे प्यार की दौलत को तरस जाओगे ......  जवाबी ग़ज़ल में जीनत परवीन ने कुछ आशिकी भरे अंदाज में यूं कहा ..गजल को आइना करने में वक्त लगता है ।
नई दुल्हन को सवरनें में वक्त लगता है । नए जख्म को भरने में वक्त लगता है । दिए जला के हवाओं में कौन रखता है ।
लोग मोहब्बत भी सियासत की तरह करते हैं, तुम्हारा घर रोशनी से जगमगाऊंगी दिए खामोश हो जाएं तो ,अपना दिल जलाऊंगी  आवाज दे देना , मैं लौट कर आ जाऊंगी  फिर भी तेरे हाथ में खुशबू बन के उतर जाऊंगी।।
फिर तो सीधा सीधा आशिकी भरे लहजों का दौर शुरू हो गया । दोनों फनकारों एक दूसरे को शायरी में पटखनी देते रहे । आसिफ ने कहा कि.. औरतें मर्द का शौहर नहीं बन सकती तो जीनत ने भी कहा कि, हमने तुम्हारी टोपिया ले ली , तुम हमारी चूड़ियां ले लो ‌ आसिफ - तुम वो हो जिसे समंदर खा जाता है जीनत - हम वो है जो समंदर को पी जाते हैं। आसिफ- शरीफ लोगों को औरतें बिगाड़ देती हैं। जीनत - यह जवानी भी क्या जवानी है। हजारों डूब गए इश्क़ के समंदर में कोई पता ना लगा सका इसमें कितना पानी है यह वह औरत है जो सारी जवानी चूस लेती है।। शेर ओ शायरी और ग़ज़लों के इस दौर में युवा पीढ़ी अपने आप को संभाल ना सकी और बीच-बीच में युवक नाचते रहे और फनकारों पर पैसे लुटाते रहे ।



पुलिस को डंडा चला कर व्यवस्था बनानी पड़ी । आसिफ ने भी मस्ती भरे लहजे में फरमाया के ... नशा निगाहों में मयकशी सी लगती है । तेरा बदन छूने से .... गुदगुदी सी लगती है ।।
जीनत ने मस्ती भरे लहजे में जवाब दिया.. हसीन जुल्फों से बचना , नहीं तो कस लूंगी  जहर बहुत भरा है मेरे होठों में , करीब आया तो, नागिन की तरह डस लूंगी ।।  ये दिल फूल तो अंगारा बन गया। मेरी एक अंगड़ाई हर नशे पर भारी है। हम भरी जवानी में मर रहे हैं घुट घुट कर तो जवाब में आसिफ ने कहा - यह हमारी है दुल्हन , भाभी ये तुम्हारी ... है। आशिकी को शायराना अंदाज और गजलों में दोनों फनकारों ने अपने - अपने अंदाज मे रखकर मानो युवा पीढी को बेकाबू कर दिया था । दर्शकों ने दोनों फनकारों पर रूपयों की बारिश कर दी ।



इस तरह कव्वालियों के मुकाबले पर आशिकी का जादू सर चढ कर बोला । यहा तक की वर्दिधारियों ने भी पूरा लुफ्त उठा कर रुपये भी लुटाये । इस दौरान पुलिस को कई बार डंडा घुमाना पड़ा ।